
रायपुर
कृषि महाविद्यालय में समस्त छात्र-छात्राओं के संयुक्त प्रयास से परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास जी की 269वीं जयंती का भव्य, गरिमामय एवं प्रेरणादायी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा, प्रशासन एवं सामाजिक क्षेत्र से जुड़े अनेक गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। आयोजन का उद्देश्य बाबा गुरु घासीदास जी के सत्य, समानता एवं मानवता के संदेश को युवा पीढ़ी तक पहुँचाना रहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री एस. एल. मात्रे (सेवानिवृत्त न्यायाधीश, औद्योगिक न्यायालय, बिलासपुर) ने अपने उद्बोधन की शुरुआत बाबा गुरु घासीदास जी के सतवचनों से की। उन्होंने कहा कि बाबा जी ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को जड़ से समाप्त कर मानव समाज को सत्य का मार्ग दिखाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सतनाम किसी एक जाति विशेष तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे मानने वाले सभी समाज के लोग बाबा गुरु घासीदास जी को अपना आदर्श मानते हैं। विशिष्ट अतिथि श्री ए. के. बंजारा (एमडी, सीड सर्टिफिकेशन, रायपुर) ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज समाज जिस सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है, वह बाबा गुरु घासीदास जी द्वारा बताए गए सत्य के मार्ग का परिणाम है। उन्होंने “मानव-मानव एक समान” के संदेश पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा जी ने पूरे समाज को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने शिक्षा पर विशेष ध्यान देने तथा शासन द्वारा संचालित विभिन्न राष्ट्रीय फेलोशिप एवं छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की। डॉ. वी. के. त्रिपाठी (डीआरएस, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर) ने अपने उद्बोधन में कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी केवल एक संत ही नहीं, बल्कि महान समाज सुधारक और दूरदर्शी विचारक थे। उन्होंने सत्य, अहिंसा और समानता को अपने जीवन का आधार बनाकर समाज को नई दिशा दी तथा मानवता, सद्भाव और समरसता का संदेश दिया। बाबा जी के विचार आज भी समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए मार्गदर्शक हैं। वहीं डॉ. संजय शर्मा (अधिष्ठाता, छात्र कल्याण) ने विद्यार्थियों को सामाजिक मूल्यों के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं डॉ. आरती गुहे (अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, रायपुर) ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी के आदर्श सामाजिक समरसता और नैतिक चेतना के प्रतीक हैं। उन्होंने युवाओं से शिक्षा के साथ मानवीय मूल्यों को अपनाकर समाज एवं राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक भूमिका निभाने का आह्वान किया। इस जयंती के अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी महाविद्यालय में निबंध लेखन, रंगोली, पोस्टर निर्माण एवं प्रश्नोत्तरी जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 110 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसी क्रम में कृषि महाविद्यालय के पूर्व एवं वर्तमान छात्रों की पंथी नृत्य टीम को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने 13 फरवरी से 24 फरवरी 2025 तक मिस्र (इजिप्ट) में पंथी नृत्य की प्रस्तुति देकर विश्वविद्यालय एवं देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कृषि महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं का सराहनीय योगदान रहा।



